सतà¥à¤¤à¤¾ के बंटवारे के किस रूप में हम नियंतà¥à¤°à¤£ और संतà¥à¤²à¤¨ की पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¥€ की ...
इस मिकà¥à¤¸ करें हà¥à¤ मिशà¥à¤°à¤£ को मंजन की à¤à¤¾à¤‚ति दांतो पर लगाà¤à¤‚।
जिस वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को गोंद से à¤à¤²à¤°à¥à¤œà¥€ हो, उसे à¤à¥€ इसके सेवन से बचना चाहिà¤à¥¤
जिन लोगों को कीकर गोंद से à¤à¤²à¤°à¥à¤œà¥€ हो सकती है उनको इसका उपयोग करने से बचना चाहिà¤à¥¤
अगर किसी को à¤à¥‚ख कम लगती हो, या खाने में सà¥à¤µà¤¾à¤¦ नहीं लगता हो, तो कीकर या बबूल की फली के अचार में सेंधा नमक मिलाकर खाने से à¤à¥‚ख बढ़ सकती है। इतना ही नहीं ये जठरागà¥à¤¨à¤¿ को पà¥à¤°à¤¦à¥€à¤ªà¥à¤¤ करने में à¤à¥€ कारगर हो सकता है।
बबूल से बनाये हà¥à¤ काà¥à¤¾, चूरà¥à¤£, गोंद का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² कैसे करें ?
मासिक धरà¥à¤® से जà¥à¤¡à¤¼à¥€ परेशानियों में फायदेमंद
सरसों कà¥à¤°à¥‚सीफेरी (बà¥à¤°à¥ˆà¤¸à¥€à¤•à¥‡à¤¸à¥€) कà¥à¤² का दà¥à¤µà¤¿à¤¬à¥€à¤œà¤ªà¤¤à¥à¤°à¥€, à¤à¤•à¤µà¤°à¥à¤·à¥€à¤¯ शाक जातीय पौधा ...
बबूल के पतà¥à¤¤à¥‹ का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² बालों के गिरने या à¤à¤¡à¤¼à¤¨à¥‡ में किया जा सकता है हमें यह जानकारी है कि बबूल के पतà¥à¤¤à¥‡ बालों के बबूल के फायदे और नà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨ सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ के लिठकितने फायदेमंद हो सकते हैं। कà¥à¤¯à¤¾ आपको यह पता है नहीं,
राजà¥à¤¯ में महामारी का रूप ले चà¥à¤•à¥‡ सà¥à¤µà¤¾à¤‡à¤¨ फà¥à¤²à¥‚ से अब तक नौ लोगों की मौत हो जाना ...
पà¥à¤°à¥‹à¤Ÿà¥€à¤¨ मैगà¥à¤¨à¥€à¤¶à¤¿à¤¯à¤® à¤à¤‚टीबैकà¥à¤Ÿà¥€à¤°à¤¿à¤¯à¤² कैलà¥à¤¶à¤¿à¤¯à¤® à¤à¤‚टीऑकà¥à¤¸à¥€à¤¡à¥‡à¤‚ट à¤à¤‚टीकारà¥à¤¸à¤¿à¤¨à¥‹à¤œà¥‡à¤¨à¤¿à¤• जोड़ों का दरà¥à¤¦ ठीक करे अखरोट को रात में सोने से पहले पानी में à¤à¤¿à¤—ो दें। सà¥à¤¬à¤¹ इसका छिलका उतारकर à¤à¤• दाने अखरोट के साथ दो गà¥à¤°à¤¾à¤® गोंद और दो गà¥à¤°à¤¾à¤® मिशà¥à¤°à¥€ मिलाकर सà¥à¤¬à¤¹ खाली पेट दूध के साथ लें। à¤à¤¸à¤¾ करने से जोड़ों के दरà¥à¤¦ से आराम मिलेगी। कैंसर से बचाव करता है बबूल के गोंद में à¤à¤‚टीकारà¥à¤¸à¤¿à¤¨à¥‹à¤œà¥‡à¤¨à¤¿à¤• गà¥à¤£ पाठजाते हैं जो कैंसर जैसी घातक बीमारी के सेलà¥à¤¸ को नषà¥à¤Ÿ करने का कारà¥à¤¯ करते हैं।
(और पà¥à¥‡ – कà¥à¤¯à¤¾ आà¤à¤–ों की इन बीमारियों को जानते हैं आप)
पेट के लिठफायदेमंद बबूल के गोंद के इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² से कबà¥à¤œ आदि नहीं होती। इसमें मौजूद फाइबर पेट में जलन, अफरा जैसी दिकà¥à¤•à¤¤à¥‹à¤‚ से निजात दिलाता है। इस गोंद को दही के साथ लेना अधिक गà¥à¤£à¤•à¤¾à¤°à¥€ है।
बबूल के गोंद को घी में तलें। इसे पà¥à¤°à¤¸à¥‚ति काल में सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को खिलाने से शारीरिक शकà¥à¤¤à¤¿ à¤à¥€ बढ़ती है।
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